आज दिनांक 01/05 /2020 मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाता है इस कारण मेहनत के फल पर आधारित सुविचार के साथ मैंने अपनी कक्षा की शुरुआत की। फिर वैदिक पद्धति के द्वारा11 से गुणा करने का आसान तरीका बताया।
तत्पश्चात मैंने विषय विज्ञान के अध्याय 3 (तंतु से वस्त्र तक )के अंतर्गत कुछ प्रश्नोत्तरों को पिछली कक्षा के पुनरावृत्ति के बाद puppet show के द्वारा हल किया।
32nd day Date 19.05.20 Lesson 3 Topic Crop : Production & Management . In this video ,we have discussed question and answer based on this lesson according to text book.
शीर्षक - पिता का पत्र पुत्र के नाम के प्रश्न अभ्यास पर चर्चा की गई. आज का प्रारंभ दिवस ज्ञान से किया गया.
विगत दिवस से आगे बढ़ते हुए प्रस्तुत पाठ के पाठ से आगे के प्रश्नों पर व्यापक चर्चा पत्रों पर बात की गई . सामाजिक पत्र लिखकर कर समझाया गया.
आज दिनांक 16.05.2020,दिवस 30 ,वर्ग 6 ,विषय संस्कृत की कक्षा की शुरुआत हमने प्रतिदिन की भांति एक श्लोक से किया जो इस प्रकार है -'अधमा:धनमिच्छन्ति धनं मानं च मध्यमा।
उत्तमा:मानमिच्छन्ति मानो हि महताम् धनम् ।।'
दिनांक 19.05.2020 स्कूल ऑन मोबाइल के 32 वें दिन वर्ग -6, विषय -विज्ञान अध्याय- 7 (पेड़ पौधों की दुनिया) के अंतर्गत शाक, झाड़ी और वृक्ष के अलावा एकल पत्ती, जोड़ीदार जमावट वाले पत्ते और गुच्छेदार जमावट वाले पत्ते के बारे में विस्तृत चर्चा हुई।
शीर्षक - पिता का पत्र पुत्र के नाम के प्रश्न अभ्यास पर चर्चा की गई. आज का प्रारंभ दिवस ज्ञान से किया गया.
विगत दिवस से आगे बढ़ते हुए प्रस्तुत पाठ के पाठ से के सभी 5 प्रश्नों पर व्यापक चर्चा की गई .
शीर्षक - पिता का पत्र पुत्र के नाम, का आदर्श वाचन किया गया. आज का प्रारंभ दिवस ज्ञान एवं आपदा प्रबंधन के तहत ठनका और चक्रवाती तुफान से बचाव के तरीको पर बात किया गया.
विगत दिवस से आगे बढ़ते हुए पत्र के शेष अंश के भावार्थ पर चर्चा की गई .
शीर्षक - पिता का पत्र पुत्र का नाम, का आदर्श वाचन किया गया. आज का प्रारंभ दिवस ज्ञान से किया गया.विगत दिवस से आगे बढ़ते हुए सबसे पहले इस बात पर चर्चा की गई कि जीवन के लिए तीन महत्वपूर्ण चीजें क्या हैं?.इसके बाद गाँधीजी के जीवन पर व्यापक चर्चा करते हुए पाठ के भावार्थ पर आया गया.
शीर्षक - पिता का पत्र पुत्र का नाम, का आदर्श वाचन किया गया. आज का प्रारंभ दिवस ज्ञान से किया गया.
विगत दिवस से आगे बढ़ते हुए सबसे पहले इस बात पर चर्चा की गई कि गाँधीजी कैसे प्रीटोरिया जेल में गए.
इसके बाद गाँधीजी के जीवन पर व्यापक चर्चा करते हुए पाठ के भावार्थ पर आया गया.