कक्षा :-सप्तम , विषय :- संस्कृत व्याकरण (संधि प्रकरण, व्यंजन संधि) , अध्यापक :- आचार्य गोपाल जी
आज की कक्षा की शुरुआत सुभाषितानि से होगी उसके बाद पिछली कक्षा पर प्रकाश डालेंगे । गृह कार्य का मिलान के उपरांत आज संधि प्रकरण के अंतर्गत व्यंजन संधि में ष्टुत्व व्यंजन संधि से अनुस्वार व्यंजन संधि तक पढ़ेंगे ।
गृह कार्य :- कुछ संधि तथा संधि विच्छेद करना ।
कक्षा :- सप्तम,
विषय :- संस्कृत सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता
अध्यापक :- आचार्य गोपाल जी
आज की कक्षा की शुरुआत सूक्ति से होगी । उसके बाद संस्कृत सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता होगी जिसमें सातवीं कक्षा के पाठ 1 से 8 तक के प्रश्न के साथ कुछ व्याकरण के
कक्षा :- अष्टम,
विषय :- संस्कृत अष्टम पाठ: नीतिश्लोका:
अध्यापक :- आचार्य गोपाल जी
आज की कक्षा की शुरुआत सूक्ति से होगी । उसके बाद पिछली कक्षा का अवलोकन किया जाएगा उसके बाद अष्टम पाठ: नीतिश्लोका: के प्रमुख शब्दों के संधि विच्छेद प्रकृति प्रत्यय को
कक्षा :- अष्टम,
विषय :- संस्कृत अष्टम पाठ: नीतिश्लोका:
अध्यापक :- आचार्य गोपाल जी
आज की कक्षा की शुरुआत सूक्ति से होगी । उसके बाद पिछली कक्षा का अवलोकन किया जाएगा उसके बाद अष्टम पाठ: नीतिश्लोका: पढ़ाया जाएगा
कक्षा :- सप्तम ,
विषय :- संस्कृत अष्टम: पाठ: वसुधैव कुटुंबकम्
अध्यापक :- आचार्य गोपाल जी
आज की कक्षा की शुरुआत सूक्ति से होगी । उसके बाद पिछली कक्षा का अवलोकन किया जाएगा उसके बाद अष्टम: पाठ: वसुधैव कुटुंबकम् पढ़ा जाएगा तथा पाठ का हिंदी बताया जाएगा
कक्षा :- सप्तम ,
विषय :- संस्कृत सप्तम: पाठ: दीपोत्सव:
अध्यापक :- आचार्य गोपाल जी
आज की कक्षा की शुरुआत सूक्ति से होगी । उसके बाद पिछली कक्षा का अवलोकन किया जाएगा उसके बाद सप्तम: पाठ: दीपोत्सव: पाठ के प्रश्नों को उत्तर बताएं जाएगा
कक्षा : सप्तम
विषय:- संस्कृत ( द्वितीय पाठ प्रश्नोत्तर)
अध्यापक:- आचार्य गोपाल जी
आज हम लोग प्रश्न संख्या सात से प्रश्न संख्या ग्यारह तक के प्रश्नों का उत्तर का मिलान करेंगे
कक्षा : अष्टम
विषय:- संस्कृत द्वितीय पाठ - संघे शक्ति: प्रश्नोत्तर
अध्यापक:- आचार्य गोपाल जी
आज हम लोग प्रश्न संख्या नौ से प्रश्न संख्या 13 तक के प्रश्नों का उत्तर का मिलान
आज दिनाँक 06.06.2020 , दिवस 48, वर्ग 6, विषय संस्कृत की कक्षा में आज हम पुराण और उपनिषद आधारित प्रश्नोत्तरी करेंगे । जिसकी शुरुआत हमने इस सूक्ति से की।
" अष्टादशपुराणेषु व्यासस्य वचनद्वयम् ।
परोपकार: पुण्याय पापाय परपीडनम्।।"