शीर्षक - हार की जीत के प्रश्न अभ्यास पर चर्चा की गई. आज का प्रारंभ दिवस का आगा़ज दिवस ज्ञान से किया गया.
विगत दिवस से आगे बढ़ते हुए सबसे पहले कहानी का सारांश पर बातें हुई. सारांश के बाद पाठ के व्याकरण से संबंधित प्रश्नों पर एक- एक कर विस्तार से चर्चा की गई.
शीर्षक - हार की जीत के प्रश्न अभ्यास पर चर्चा की गई. आज का प्रारंभ दिवस का आगा़ज दिवस ज्ञान से किया गया.
विगत दिवस से आगे बढ़ते हुए सबसे पहले कहानी का सारांश पर बातें हुई. सारांश के बाद पाठ से आगे के 6 प्रश्नों पर एक- एक कर
विस्तार से चर्चा की गई.
शीर्षक - हार की जीत पर चर्चा की गई. आज का प्रारंभ दिवस ज्ञान एवं एक अन्य कहानी से किया गया.
विगत दिवस से आगे का आदर्श वाचन के पश्चात, कठिन शब्दों के शब्दार्थ को समझाया गया. वाक्यों के भावार्थ पर चर्चा की गई.
शीर्षक - हार की जीत पर चर्चा की गई. आज का प्रारंभ दिवस ज्ञान एवं आपदा प्रबंधन से किया गया.
आज लेखक पर चर्चा के पश्चात विगत दिवस से आगे का आदर्श वाचन के पश्चात, कठिन शब्दों के शब्दार्थ को समझाया गया.
शीर्षक - हार की जीत पर चर्चा की गई. आज का प्रारंभ एक कहानी से किया गया.
विगत दिवस से आगे आज, आदर्श वाचन के पश्चात, कठिन शब्दों के शब्दार्थ को समझाया गया.
वाक्यों के भावार्थ पर चर्चा की गई.
शीर्षक - हार की जीत पर चर्चा की गई. आज का प्रारंभ दिवस ज्ञान से किया गया.
आदर्श वाचन के पश्चात, कठिन शब्दों के शब्दार्थ को समझाया गया. वाक्यों के भावार्थ पर चर्चा की गई.
शीर्षक - हॉकी का जादूगर के प्रश्न अभ्यास पर चर्चा करते हुए ,इस पाठ के व्याकरण से संबंधित प्रश्नों पर व्यापक प्रकाश डाला गया.चर्चा के क्रम में सर्वनाम को परिभाषित करते हुए, इसके सभी छः भेदों की सोदाहरण व्याख्या की गई .
वाक्य बनाना, क्रिया शब्द को रेखांकित करना और वाक्यों को सजाकर बनाने वाले प्रश्नों पर बातें हुई.
शीर्षक- हॉकी का जादूगर के प्रश्न अभ्यास पर विस्तार से चर्चा की गई. पाठ का प्रारंभ पू्र्व दिवस के गृहकार्य एवं स्वरचित एक छोटी कविता जो मेजर ध्यानचंद के संदेश से संबंधित है, से की गई. चर्चा के क्रम में पाठ से ,के पांच प्रश्नों एवं पाठ से आगे ,के चार प्रश्नों पर व्यापक बातें की गई .यथा ध्यानचंद किस खेल से संबंध रखते थे