दिनांक 23 .05. 2020 दिवस 36 वर्ग 6 विषय संस्कृत कक्षा की शुरुआत एक सुविचार सके जो के इस प्रकार हैं-
“यदि आप उड़ नहीं सकते तो दौड़े ।अगर आप दौड़ नहीं सकते तो चलिए । यदि आप चल नहीं सकते हैं तो रेंगीए लेकिन आप कुछ भी करें -आगे बढ़ते रहें -करते रहें। आज की कक्षा के मुख्य विषय बिंदु #श्रीमद्भागवत गीता# आधारित प्रश्नोत्तरी थी जिसमें हमने शुरुआत श्रीमद भगवत गीता के 1 श्लोक से की ।श्लोक का अर्थ बताते हुए हम प्रश्न उत्तर की ओर बढ़ते हैं कुछ बस में इस प्रकार हैं 1.श्रीमद्भागवत गीता के प्रथम अध्याय का क्या नाम है? 2.द्वितीय अध्याय में कितने श्लोक हैं?
3. 12 में अध्याय का क्या नाम है?
4. सबसे लंबा अध्याय कौन सा है ?
5.गीता के पांचवें अध्याय का क्या नाम है?
6. गीता रहस्य पुस्तक के रचयिता कौन है ?
7.कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन — यह श्लोक किस अध्याय का है ?
8.यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत: –यह श्लोक किस अध्याय से लिया गया है ?
सभी बच्चों एवं प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया अंत में गृह कार्य स्वरूप श्रीमद्भगवद्गीता का पठन देकर आज की कक्षा को हमने विराम किया।
धन्यवाद @रम्भा कुमारी
कक्षा : सप्तम
, विषय:- संस्कृत व्याकरण ( सरल संस्कृत अनुवाद के नियम) अध्यापक:- आचार्य गोपाल जी
आज संस्कृत व्याकरण में सरल संस्कृत अनुवाद के नियम का अध्ययन करेंगे
कक्षा : अष्टम
, विषय:- संस्कृत व्याकरण ( सरल संस्कृत अनुवाद के नियम) अध्यापक:- आचार्य गोपाल जी
आज संस्कृत व्याकरण में सरल संस्कृत अनुवाद के नियम का अध्ययन करेंगे
कक्षा : सप्तम
विषय:- संस्कृत व्याकरण ( तिड़्न्त का संक्षिप्त परिचय और धातु रूप पठ और गम )
अध्यापक:- आचार्य गोपाल जी
आज संस्कृत व्याकरण में तिड़्न्त का संक्षिप्त परिचय और धातु रूप
कक्षा : अष्टम
विषय:- संस्कृत व्याकरण ( तिड़्न्त का संक्षिप्त परिचय और दृश धातु रूप)
अध्यापक:- आचार्य गोपाल जी
आज हम लोग संस्कृत व्याकरण में तिड़्न्त का संक्षिप्त परिचय और दृश धातु रूप का
शीर्षक - मंत्र के प्रश्न अभ्यास पर चर्चा की गई. आज का प्रारंभ दिवस ज्ञान पर चर्चा से किया गया.विगत दिवस से आगे बढ़ते हुए प्रस्तुत पाठ के तीन प्रश्नों की विस्तार से चर्चा की गई .
आज दिनांक 02.06.2020, दिवस 44,वर्ग 6, विषय संस्कृत कक्षा में हम पंचम अध्याय मम परिवार का पाठ संपूर्ण करेंगे। जिसकी शुरुआत हमने एक सुविचार से कि जो कि इस प्रकार है -"
अगर आप सूर्य की तरह चमकना चाहते हो तो पहले सूर्य की तरह जलना सीखो।"